विश्व इतिहास में पहली बार राष्ट्रसंत पूज्यश्री वसंतविजयजी म.सा. की निश्रा में..

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Rashtrasant Pujyashri Vasantvijayji M.S.

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दैवीय धरा काशी में अष्ट दिवसीय भैरव प्राकट्योत्सव की धूम 9 से 

–सौ फीट की भैरव मूर्ति होगी स्थापित, संपूर्ण काशीवासियों के लिए चलेगा प्रतिदिन राजशाही भंडारा, 1,08,000 भैरव मूर्तियों के निर्माण के साथ इतने ही दीपों, पुष्पों, नैवेद्य व धूप आदि से होगा पूजन, अनेक नामी कलाकारों–कवियों की भी नित्य रात्रि में होगी प्रस्तुतियां

वाराणसी। काशी कोतवाल भैरव उत्सव–2022 शीर्षक से इस धरा की पौराणिक दैविक नगरी काशी अर्थात् वाराणसी में अष्ट दिवसीय भैरव अष्टमी का पर्व विश्व स्तरीय धार्मिक भक्ति भरी धूम से आयोजित होगा। राष्ट्रसंत, श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, भैरवदेव के सिद्ध साधक परम् पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में यह अलौकिक, अतिदिव्य एवं विराट भैरव प्राकट्योत्सव 9 से 16 नवंबर तक मनाया जाएगा। देश और दुनिया भर के पंजीकृत हजारों श्रद्धालु इस अष्ट दिवसीय आयोजन में शामिल होने हेतु काशी पहुंच रहे हैं। कार्यक्रम में प्रतिदिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के भजन गायक कलाकार सहित नामी कविगण भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुतियां देंगे। काशी के नरियां–सुंदरपुर, बीएचयू मार्ग स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान में होने वाले इस भव्यातिभव्य कार्यक्रम में पूज्य गुरुदेव की निश्रा में प्रतिदिन सुबह दस बजे से पूजा, जप, तप, साधना–आराधना सहित पतित पावन मां गंगाजी की मिट्टी से 1,08,000 भैरव मूर्तियों का निर्माण होगा।

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आयोजन से जुड़े डॉ संकेश जैन

आयोजन से जुड़े डॉ संकेश जैन ने बताया कि पूज्य गुरुदेवश्रीजी की निश्रा में विगत 17 वर्षों से देश के विभिन्न बड़े-बड़े शहरों में भैरव अष्टमी का पर्व इसी प्रकार पूजा, जप, तप, साधना–आराधना के साथ विशाल भंडारे व विश्व कीर्तिमानी विविध आयोजनों से मनाया जाता है। इस वर्ष काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव, बाबा विश्वनाथ, देवी मां अन्नपूर्णा की नगरी एवं श्रीपार्श्वप्रभु की जन्मस्थली वाराणसी में इस कार्यक्रम में विश्व इतिहास में पहली बार दर्शनीय 100 फीट की विशाल भैरवदेव मूर्ति स्थापित होगी। साथ ही 8 दिशाओं में 9–9 फीट के बटुक भैरव, भैरव–भैरवीजी की प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी। साथ ही प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से गंगा मिट्टी से 4–4 फीट की 13,500 मूर्तियां श्रद्धालु भक्त अपने हाथों से बनाएंगे। जो 16 नवंबर तक 1,08,000 की संख्या के साथ संपन्न होकर इनका 1,08,000 ही दीपों, इतने ही पुष्पों, नैवेद्य व धूप आदि से पूजन अर्चन होगा। दोपहर 2 बजे से साधना के शिखर पुरुष, सर्वधर्म दिवाकर संतश्री डॉ वसंतविजयजी महाराज के श्रीमुखारविंद से भैरव महापुराण कथा का अतिदिव्य वाचन होगा। डॉ संकेश जैन ने बताया कि दक्षिण भारत के चिदंबरम स्थित नटराज मंदिर के 30 विद्वान पंडितों द्वारा शाम 4 बजे से भैरव देव की प्रसन्नता का अतिदिव्य नव कुंडीय महायज्ञ होगा। वहीं रात्रि में 8 बजे से भजन संध्या, नाट्य प्रस्तुति व कवि सम्मेलन सरीखे अनेक आयोजन होंगे। नित्य दोपहर 12 बजे से 5 बजे तक राजशाही भंडारा संपूर्ण काशी वासियों के लिए सुचारू रूप से चलेगा। दौराने कार्यक्रम रोजाना लक्की ड्रा के माध्यम से 20 भाग्यशाली विजेताओं को स्वर्ण, चांदी के सिक्के व अन्य उपहार भी प्रदान किए जाएंगे। काशी में विभिन्न क्षेत्रों में लब्ध प्रतिष्ठित सेवाभावी विशिष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान समारोह व जरूरतमंद लोगों को राशन सामग्री किट तथा कंबलों का वितरण भी पूज्य गुरुदेव के सान्निध्य में संपन्न होगा।

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इन नामी कलाकारों व कवियों की होगी प्रस्तुतियां..

काशी कोतवाल भैरव उत्सव–2022 में 8 दिनों में मशहूर भजन गायक कलाकारों की प्रस्तुतियां पूज्य गुरुदेव वसंतविजयजी महाराज साहेब की निश्रा में होंगी। इनमें अभिलिप्सा पंडा, हेमंत बृजवासी, हंसराज रघुवंशी, मैथिली ठाकुर, उस्मान मीर, कैलाश पियूषा सहित हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, हरिओम पवार, अरुण जेमिनी, शशिकांत यादव, गौरव शर्मा, शंभू शिखर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। शुक्रवार, 11 नवंबर को कृष्णगिरी वाली जगतजननी श्रीदेवी मां पद्मावतीजी के चमत्कारों का उज्जैन के 30 कलाकारों द्वारा नाट्य मंचन होगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेवजी के अधिकृत वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव होगा। उल्लेखनीय है कि कार्तिक अमावस्या की शुभ दीपावली के बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है, वहीं इस वर्ष काशी में भैरवाष्टमी पर 16 नवंबर को विश्व स्तरीय भैरव दीपावली का भी अभिनव कार्यक्रम पूज्य गुरुदेवजी की निश्रा में सम्पन्न होगा।